वर्ल्ड ओबेसिटी डे: बढ़ा वजन इन परेशनियों में धकेल देता है
डॉक्टर अनूप मिश्रा
मोटापा या ज्यादा वजन यदि नियंत्रण में न रखा जाए तो बेहिसाब बीमारियों को न्योता देता है जिनमें से कई जानलेवा साबित हो सकती हैं।
- कार्डियोवस्क्यूलर डिजीज (हार्ट अटैक)
- स्ट्रोक (लकवा)
- डायबिटीज
- बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसेराइड (खून में चर्बी की बढ़ी मात्रा)
- उच्च रक्तचाप
- लिवर की बीमारी जैसे कि फैटी लिवर, सिरोसिस और कुछ मामलों में लिवर कैंसर
- गॉल ब्लाडर में पथरी और जलन
- अग्न्याशय में जलन (पैन्क्रिएटाइटिस)
- लड़कियों और महिलाओं में अंडाशयों में सूजन (पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम)
- गर्दन में अतिरिक्त चर्बी होने के कारण रात के समय शरीर में कार्बोहाइड्रेटन डाईऑक्साइड बढ़ जाना और ऑक्सीजन कम हो जाना (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया)
- डायबिटीज अथवा उच्च रक्तचाप हो या नहीं फिर भी किडनी की समस्या होना
- किशोरवय में यौन विकास से जुड़ी समस्याएं अथवा शरीर के विकास में अवरोध
- विभिन्न अंगों में कैंसर, कैंसर के करीब 30 फीसदी मामले मोटापे से जुड़े पाए गए हैं
- हड्डी से जुड़ी समस्याएं: घुटने और नितंबों में ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों में गंभीर टूट-फूट)
- गाउट: खून में यूरिक एसिड की बढ़ी मात्रा के कारण जलन
- असंयमित तनाव: महिलाओं में पेडु की कमजोर मांसपेशियों के कारण पेशाब को रोकने में कठिनाई
- मनोवैज्ञानिक समस्याएं: अवसाद, शरीर की विकृत आकृति, ऊर्जा की कमी और सामाजिक बर्ताव में कमी
- हर्निया (पेट की मांसपेशियों से आंतों का बाहर की ओर फैलाव)
- वेरिकोज वेन्स (पैर की नाड़ियों में फैलाव)
मोटापे की समस्या का हल क्या है?
वजन कई तरीकों से कम किया जा सकता है मगर सफलता के लिए दृढ़निश्चय और लगातार प्रयास जरूरी है। वजन घटाने के अधिकांश विकल्प वजन कम करते हैं मगर अकसर ये वजन फिर बढ़ जाता है, इसे यो यो प्रभाव कहते हैं।
इंटरनेट तथा अन्य जगहों पर वजन घटाने के 100 से अधिक उपाय सुझाए गए हैं मगर इनमें से अधिकांश बिना जांचे परखे हैं और इन्हें औषधि नियामकों की मंजूरी भी हासिल नहीं है और ये उपाय शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
1. शारीरिक गतिविधि बढ़ाना: प्रतिदिन 45 से 60 मिनट की मध्यम तीव्रता की घर से बाहर की शारीरिक गतिविधि (तेज चाल) महत्वपूर्ण है। वजन को प्रभावी रूप से कम करने के लिए हर सप्ताह कम से कम 300 मिनट यानी पांच घंटे की एयरोबिक व्यायाम जरूरी है।
2. वजन घटाने वाला भोजन: वजन घटाने के लिए कई तरह के भोजन उपलब्ध हैं। इनमें से हर एक का लक्ष्य शरीर में ली जाने वाली कैलोरीज की मात्रा को कम करना और भोजन में वसा और कार्बोहाइड्रेट की हिस्सेदारी में बदलाव लाना है। कुल मिलाकर कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन कम वसा वाले भोजन से कहीं बेहतर होता है।
3. दवाइयों और ऑपरेशन के जरिये वजन कम करना: कुछ मामलों में वजन कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। इसके लिए खाने वाली सिर्फ एक ही दवा (ओरलीस्टेट) भारत में उपलब्ध है। डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन के जरिये दी जाने वाली दवा (लीराग्लूटाइड) भी वजन को प्रभावी रूप से कम करती है। हाल ही में पेश की गई डायबिटीज की दवाएं (एसजीएलटी2 इनहीबीटर्स, अधिक जानकारी के लिए अध्याय 16 भी देखें) भी वजन भी प्रभावी रूप से कम करती हैं मगर वर्तमान में इसका इस्तेमाल सिर्फ टाईप 2 डायबिटीज के मरीज ही कर सकते हैं।
(डॉक्टर अनूप मिश्रा की किताब डायबिटीज विद डिलाइट से साभार)
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